Tuesday, 5 May 2015

ओ माँ बस तू ही

ओ माँ बस तू ही,
मेरे जीवन का आधार है,
एक तू ही पहला प्यार है,
मेरा बचपन से साथी तू ही,
तेरे आँचल में संसार है। 

ओ माँ बस तू ही,
मेरे जीवन का आधार है। 

एक तेरा प्यार सच, झूठा संसार,
हर पग में ठोकर, मैं गिरा हर बार,
माँ तूने सिखाया गिरकर उठना,
मैं जब भी झुका, हुआ लाचार,
मेरी हर सफलता के पीछे, 
तेरी प्रार्थनाएँ हज़ार हैं,
ओ माँ बस तू ही,
मेरे जीवन का आधार है। 

तू है तो जीवन सुन्दर है,

माँ तुझसे घर एक मंदिर है,
इस जीवन का सही अर्थ,
तुझसे ही जाना है,
तेरे दिए ही तो सभी संस्कार मेरे अंदर हैं,
मेरी शक्ति और कुछ नहीं,
बस तेरा ही तो प्यार है,
ओ माँ बस तू ही,
मेरे जीवन का आधार है। 
                                                   दीप्ति त्यागी 
                                                                                   








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