“जीना सीख ज़िन्दगी कुछ इस तरह से मेरे दोस्त,
खुशियों में खुश रहना, गर हो ग़मज़दा तो खुद ही संभालना खुद को,
बात बस इतनी है, तू खुद-कर बन हौंसला बढ़ा ले,
और गर मिटा सके किसी के चेहरे की शिकन, तो तुझे मान गए दोस्त|
जीना सीख ज़िन्दगी कुछ इस तरह से मेरे दोस्त|| “
- दीप्ति त्यागी
खुशियों में खुश रहना, गर हो ग़मज़दा तो खुद ही संभालना खुद को,
बात बस इतनी है, तू खुद-कर बन हौंसला बढ़ा ले,
और गर मिटा सके किसी के चेहरे की शिकन, तो तुझे मान गए दोस्त|
जीना सीख ज़िन्दगी कुछ इस तरह से मेरे दोस्त|| “
- दीप्ति त्यागी