Thursday 16 April 2020

सकारात्मकता :-

“सूर्य की दीप्ति को संध्या में जिस प्रकार चन्द्रमा संपूर्ण करता है,
हृदय और मस्तिष्क के मध्य जिस प्रकार हृदय विजेता होता है,
मृत्यु का जिस प्रकार जीवन की  इच्छाशक्ति से युद्ध होता है,
उसी प्रकार जीवन के हर पथ पर, सकारात्मक सोचना नकारात्मकता पर भारी पड़ता है”

इसलिए सदैव आशावादी एवं सकारात्मक रहना ही उचित है,
क्यूंकि इससे जीवन में कुशलता निश्चित है....!



-दीप्ति त्यागी 

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